➤ CBI शिमला के इंस्पेक्टर पर गवाह को धमकाने और बयान बदलवाने के गंभीर आरोप
➤ मंडी के हवाणु गांव के गिरधारी लाल ने शिमला पुलिस को दी शिकायत, एफआईआर की मांग
➤ शिकायत में लगाए आरोप—धक्का-मुक्की, गाली-गलोच और कपड़े फाड़ने की कोशिश
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के एक इंस्पेक्टर पर गवाह को धमकाने और बयान बदलवाने के आरोप लगे हैं। मंडी जिले के हवाणु गांव निवासी गिरधारी लाल ने सीबीआई शिमला के एक अधिकारी के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने इंस्पेक्टर पर झूठी गवाही देने के लिए दबाव बनाने, धक्का-मुक्की करने, गाली-गलोच करने, गला घोंटने की कोशिश और कपड़े फाड़ने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
शिकायत के बाद शिमला पुलिस ने पूरे मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। गिरधारी लाल ने अपने लिखित बयान में कहा कि 31 मार्च 2024 को सिध्याणी क्षेत्र में चिट्टा तस्करी के मामले में कुछ आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा था, और इस केस में उसे गवाह बनाया गया था।

22 सितंबर को सीबीआई इंस्पेक्टर ने उसे शिमला स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया और पुराने केस से जुड़ी जानकारी मांगी। गिरधारी लाल का आरोप है कि उसने अपनी आंखों के सामने देखी घटना को जस का तस बताया, लेकिन सीबीआई इंस्पेक्टर ने उससे गलत बयान देने के लिए दबाव बनाया। शिकायत में कहा गया है कि इंस्पेक्टर ने उस पर यह कहने के लिए दबाव डाला कि पुलिस नशे में थी, उसने शराब पी रखी थी और उसे घर से जबरदस्ती उठाया गया था।
गिरधारी लाल का कहना है कि जब उसने इस झूठी गवाही से इनकार किया, तो अधिकारी ने उससे अभद्र व्यवहार किया, गला पकड़ने और कपड़े फाड़ने की कोशिश की। इसके बाद वह सीधा शिमला पुलिस के पास पहुंचा और एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
उन्होंने बताया कि वे समाज में सम्मानित व्यक्ति हैं, 2001 से 2015 तक पंचायत प्रधान रह चुके हैं और सिध्याणी स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के तौर पर भी 20 वर्षों तक सेवा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक के साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि शिकायत प्राप्त हो चुकी है और प्रारंभिक जांच जारी है। जांच के बाद तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।



